अहसास (BHARAT)
सब कुछ तो खो गया है,क्या पास रह गया है तुम साथ हो, यह झूठा अहसास रह गया कभी मिलेंगे दिल तोड़कर गये जोउम्मीद तो नहीं पर विश्वास रह गया है उनका भी दोष क्या हम थे न उनके हमारा सब रंज बह गया है हाथों से फिसले लम्हे, किसको मिल सके हैं जाती हवा का झोंका,चुपके से कह गया है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment